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कपालकर्तृका वामे शूलं खट्वाङ्गम् दक्षिणे ॥ ८॥

ರಾಜ್ಯಂ ರಾಜ್ಯಶ್ರಿಯಂ ಪಾಯಾತ್ ಭೈರವೋ ಭೀತಿಹಾರಕಃ

 



पठनात् कालिका देवि पठेत् कवचमुत्तमम् । श्रृणुयाद्वा प्रयत्नेन सदानन्दमयो भवेत् ।।

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कथयामि शृणु प्राज्ञ बटोस्तु कवचं शुभम्

बटुक भैरव कवच का व्याख्यान स्वयं महादेव ने किया है। जो इस बटुक भैरव कवच का अभ्यास करता है, वह सभी भौतिक सुखों को प्राप्त करता है।

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॥ ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीम् ॥

कार्य पर विजय प्राप्त करने के लिए संसार में इससें बड़ा कोई कवच नही है।

महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा ।



आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना read more चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।

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